टी-टेस्ट क्या है? : परिभाषा, प्रकार, विधियाँ, सूत्र, महत्व और सार्थकता स्तर तालिका
टी-टेस्ट परिभाषा
टी-टेस्ट (T-test) एक सांख्यिकीय परीक्षण है जिसका उपयोग दो समूहों के बीच औसत (Mean) में अंतर की जांच करने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या दो समूहों के बीच पाया गया अंतर सांयोगिक (Random) है या यह वास्तविक अंतर है। यह परीक्षण विशेष रूप से छोटे नमूनों के लिए उपयुक्त होता है, जब सामान्य वितरण (Normal Distribution) का पालन नहीं किया जाता है।
टी-टेस्ट के प्रकार
- एक नमूना टी-टेस्ट (One-Sample T-test): यह परीक्षण तब किया जाता है जब हम एक समूह के औसत को किसी ज्ञात मान से तुलना करते हैं।
- स्वतंत्र नमूना टी-टेस्ट (Independent T-test): यह तब किया जाता है जब दो स्वतंत्र समूहों के औसतों की तुलना करनी होती है।
- संबंधित नमूना टी-टेस्ट (Paired T-test): यह तब किया जाता है जब एक ही समूह में दो समयों पर मापी गई मात्रा की तुलना की जाती है।
टी-टेस्ट सूत्र
यह सूत्र टी-टेस्ट (T-test) की गणना के लिए प्रयोग होता है, जिसमें:
- \bar{X} = प्रतिदर्श का माध्य (Sample Mean)
- \mu = जनसंख्या का माध्य (Population Mean)
- s = प्रतिदर्श का मानक विचलन (Sample Standard Deviation)
- n = प्रतिदर्श का आकार (Sample Size)
प्रतिदर्श का माध्य (Mean of the Sample)
यहाँ \sum{X} = सभी डेटा बिंदुओं का योग और n = प्रतिदर्श का आकार (Sample Size)।
उदाहरण 1(Example1)
प्रश्न: मान लीजिए आपके पास (n) 5 प्रतिदर्श : 10,15,20,25,30 है। इसका जनसंख्या माध्य (u) 18 है। इसका प्रतिदर्श माध्य (x) , मानक विचलन (s) एवं टी मूल्य (t) क्या होगा ?
उत्तर:(n = 5) का प्रतिदर्श माध्य (x) 20,मानक विचलन (s) 7.91 एवं टी मूल्य 0.566 होगा।
व्याख्या ( Explanation) :
1. प्रतिदर्श का माध्य (Sample Mean)
मानक विचलन (Standard Deviation)
यहाँ X_i = प्रत्येक डेटा बिंदु और \bar{X} = प्रतिदर्श का माध्य।
2. मानक विचलन (Standard Deviation)
3. टी-मूल्य (T-value)
4. डिग्री ऑफ़ फ्रीडम (Degrees of Freedom)
टी-टेस्ट की विधियाँ
- डेटा संग्रहण: सबसे पहले, हमें उन डेटा को एकत्रित करना होता है जिनकी तुलना की जानी है। डेटा स्वच्छ और सही होना चाहिए।
- शून्य परिकल्पना (Null Hypothesis): टी-टेस्ट का उपयोग शून्य परिकल्पना का परीक्षण करने के लिए किया जाता है, जो यह मानती है कि दोनों समूहों के औसत में कोई अंतर नहीं है।
- p-value का निर्धारण: इसके बाद p-value का निर्धारण किया जाता है, जो यह दर्शाता है कि शून्य परिकल्पना सही होने पर हमारे द्वारा प्राप्त परिणामों की संभावना कितनी है।
दो समूहों के लिए टी-टेस्ट सूत्र
यह सूत्र दो समूहों के बीच औसत (mean) का तुलना करने के लिए उपयोग किया जाता है।
टी-टेस्ट का सूत्र (Two-Sample T-test Formula)
Where : m1= प्रथम समूह (प्रतिदर्श) का माध्य, m2 = द्वितीय समूह (प्रतिदर्श) का माध्य एवं sEd= माध्य के बीच अंतर की मानक त्रुटि (Standard Error of Difference) ।
टी-टेस्ट के लिए मानक त्रुटि का सूत्र (Formula for Standard Error of Difference)
जब दो समूहों के माध्य के बीच अंतर की मानक त्रुटि (Standard Error of Difference) का गणना किया जाता है, तो इसका सूत्र निम्नलिखित होता है:
यहाँ:
- S_{Ed} = मानक त्रुटि का अंतर (Standard Error of Difference)
- s_1^2 = समूह 1 का विचलन का वर्ग (Variance of Group 1)
- s_2^2 = समूह 2 का विचलन का वर्ग (Variance of Group 2)
- n_1 = समूह 1 का आकार (Sample Size of Group 1)
- n_2 = समूह 2 का आकार (Sample Size of Group 2)
उदाहरण 2 (Example 2)
मान लीजिए:
- समूह 1 के लिए विचलन s_1 = 10, और नमूना आकार n_1 = 30 है।
- समूह 2 के लिए विचलन s_2 = 8, और नमूना आकार n_2 = 25 है।
मानक त्रुटि का अंतर की गणना (Calculation of Standard Error of Difference):
इस प्रकार, **Sₑd ≈ 2.43** होगा, जो यह दर्शाता है कि समूहों के औसत के बीच अंतर में लगभग **2.43** की मानक त्रुटि हो सकती है।
टी-मूल्य की गणना (Calculation of T-value):
उदाहरण (Example)
मान लीजिए:
- समूह 1 का माध्य ({X_1} = 50), मानक विचलन (s_1 = 10), और आकार (n_1 = 30) है।
- समूह 2 का माध्य ({X_2} = 45), मानक विचलन (s_2 = 8), और आकार (n_2 = 25) है।
sEd का प्रयोग करते हुए टी मूल्य निकालना
डिग्री ऑफ़ फ्रीडम (Degrees of Freedom)
अथवा (in simple way) df = N1+ N2 - 2
उपरोक्त उदाहरण में N1 (30) एवं N2 (25) दिया है इस प्रकार df = 30+25- 2 = 53. होगा।
टी-टेस्ट का महत्व
टी-टेस्ट का महत्व इस तथ्य में छिपा है कि यह हमें सांख्यिकीय रूप से यह बताने में सक्षम बनाता है कि दो समूहों के बीच का अंतर सार्थक है या नहीं। इसके द्वारा हम यह जान सकते हैं कि जो परिणाम हमें मिल रहे हैं, वे सामान्य उतार-चढ़ाव के कारण हैं या फिर कोई वास्तविक अंतर है और जनसंख्या में भी मौजूद है।
टी-टेस्ट सार्थकता स्तर तालिका
टी-टेस्ट के परिणामों की सांख्यिकीय सार्थकता का निर्धारण करने के लिए हम टी-डिस्ट्रिब्यूशन तालिका का उपयोग करते हैं। यह तालिका यह निर्धारित करने में मदद करती है कि प्राप्त t-value (टी-मूल्य) के आधार पर हमारी शून्य परिकल्पना (Null Hypothesis) को स्वीकार करना है या खारिज करना है। यह तालिका डिग्री ऑफ़ फ्रीडम (df) और सिग्निफिकेंस लेवल (α) पर निर्भर करती है।
डिग्री ऑफ़ फ्रीडम (df) | 0.10 (10%) | 0.05 (5%) | 0.01 (1%) | 0.001 (0.1%) |
---|---|---|---|---|
1 | 6.314 | 12.706 | 63.657 | 636.619 |
2 | 2.920 | 4.303 | 9.925 | 22.327 |
3 | 2.353 | 3.182 | 5.841 | 10.214 |
4 | 2.132 | 2.776 | 4.604 | 7.173 |
5 | 2.015 | 2.571 | 4.032 | 5.893 |
6 | 1.943 | 2.447 | 3.707 | 5.208 |
7 | 1.895 | 2.365 | 3.499 | 4.782 |
8 | 1.860 | 2.306 | 3.355 | 4.501 |
9 | 1.833 | 2.262 | 3.249 | 4.297 |
10 | 1.812 | 2.228 | 3.169 | 4.144 |
11 | 1.796 | 2.201 | 3.106 | 4.025 |
12 | 1.782 | 2.179 | 3.055 | 3.930 |
13 | 1.771 | 2.160 | 3.012 | 3.841 |
14 | 1.761 | 2.145 | 2.977 | 3.747 |
कैसे उपयोग करें:
डिग्री ऑफ़ फ्रीडम (df): यह आपकी नमूने के आकार पर निर्भर करता है और इसे n-1 (जहां n नमूने का आकार है) से गणना किया जाता है।
सिग्निफिकेंस लेवल (α): यह आमतौर पर 0.05 (5%) या 0.01 (1%) निर्धारित किया जाता है, जो दर्शाता है कि आपके परिणामों को कितने प्रतिशत तक मौका मिल सकता है कि वे संयोग से प्राप्त हुए हों।
टी-मूल्य (t-value): यह परीक्षण के बाद प्राप्त आंकड़ा है जो तालिका में खोजा जाता है। यदि आपका टी-मूल्य तालिका के निर्धारित मान से अधिक है, तो शून्य परिकल्पना को खारिज किया जाता है और यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि दोनों समूहों के औसत में वास्तविक अंतर है।
उदाहरण3: मान लीजिए आपके पास 10 नमूने हैं (n = 10), तो df = 9 होगा (10 - 1)।
अब, यदि आपके परीक्षण का टी-मूल्य (T-value) 2.5 है और आप 0.05 के स्तर (significance level) पर परीक्षण कर रहे हैं, तो हम यह जांचने के लिए टी-डिस्ट्रिब्यूशन तालिका का उपयोग करेंगे कि क्या टी-मूल्य 2.50सांख्यिकीय रूप से सार्थक है या नहीं।
टी-टेस्ट की व्याख्या:
- Degrees of Freedom (df): चूँकि हमारे पास 10 नमूने हैं, इसलिए डिग्री ऑफ़ फ्रीडम (df) 9 होगा (n - 1 = 10 - 1 = 9)।
- Significance Level (α): हम 0.05 के स्तर (5% significance level) पर परीक्षण कर रहे हैं, जो मानते हैं कि हम 5% से कम संभावना पर शून्य परिकल्पना (null hypothesis) को खारिज करेंगे।
- T-Value Comparison: अब हम तालिका में 9 डिग्री ऑफ़ फ्रीडम के लिए 0.05 के स्तर पर टी-मूल्य की तुलना करते हैं। टी-डिस्ट्रिब्यूशन तालिका के अनुसार, 9 डिग्री ऑफ़ फ्रीडम के लिए 0.05 (5%) पर टी-मूल्य 2.262 है।
- Compare Calculated T-Value with Critical T-Value:
- आपका परीक्षण टी-मूल्य 2.500 है।
- तालिका में 0.05 के स्तर पर 9 डिग्री ऑफ़ फ्रीडम के लिए महत्वपूर्ण टी-मूल्य 2.262 है।
- Decision:
- चूँकि आपका टी-मूल्य (2.500) तालिका में दिए गए महत्वपूर्ण टी-मूल्य (2.262) से अधिक है, इसका मतलब है कि हम शून्य परिकल्पना को खारिज कर सकते हैं और यह कह सकते हैं कि दो समूहों के बीच वास्तविक और महत्वपूर्ण अंतर है।
निष्कर्ष:
यदि आपके पास 10 नमूने हैं (n = 10), और आपके परीक्षण का टी-मूल्य 2.500 है, तो 9 डिग्री ऑफ़ फ्रीडम और 0.05 के स्तर पर यह पाया गया है कि टी-मूल्य 2.262 से अधिक है। इस प्रकार, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि परिणाम सांख्यिकीय रूप से सार्थक हैं और शून्य परिकल्पना (null hypothesis) को खारिज किया जाता है।
टी-टेस्ट निर्णय नियम:
- अगर गणना किया गया टी-मूल्य > सार्थकता टी-मूल्य: शून्य परिकल्पना को खारिज (reject) करें (अर्थात सार्थक अंतर है)।
- अगर गणना किया गया टी-मूल्य < सार्थकता टी-मूल्य: शून्य परिकल्पना को स्वीकार (accept)करें ( अर्थात सार्थक अंतर नहीं है)।